राजा और रानी की निशानी किले के अगल बगल में पानी राजा और रानी की निशानी किले के अगल बगल में पानी सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी प्रसिद्ध नागा महंत राजा मौजीदास जिनकी राजधानी पांडादाह थी
जहां भगवान जगन्नाथ जी आराध्य देव के रूप में विराजित है राजा की रियासत में धन की कमी नही थी इसी रियासत में एक छोटा प्यारा सा ग्राम था नंदग्राम जहां बहती है शिवनाथ नदी यह नदी नगरवासियो की जीवनदायिनी है
इसी नदी से नांदगांव रियासत को पानी मिलता था सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी राजा पांडादाह छोड़कर नांदगांव आ गए देवी शीतला का स्वप्न में दर्शन पाकर शीतला मंदिर का निर्माण कराया देवी की आराधना से जीवन में संतोष प्राप्त किया अब नांदगांव को ही रियासत की राजधानी बना दी गई तब राजा घासीदास जी थे जो काफी विद्वान थे सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी
बैरागी साधु (एक पंथ) राज-पाट चलाने लगे मौजीदास और घासीदास जी ने रियासत की कीर्ति और प्रतिष्ठा को बढ़ाने का कार्य किया धर्म कर्म कभी छुपाये नही छुपते बलरामदास जी के द्वारा नांदगांव शहर को बसाया गया राजनाँदगाँव बड़ा ही भाग्यशाली रहा यहाँ बी एन सी मिल (बंगाल नागपुर कॉटन मिल) स्थापित था बी एन सी मिल रियासत की प्रतिष्ठा को बढ़ाता था
सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी आवागमन के लिए रेल सुविधा पीने के साफ पानी और बिजली की व्यवस्था टाउनहाल, मिल, पानी टंकी रियासत की समृद्धि बताती है राजा सर्वेश्वरदास की बहुत कीर्ति थी बहुत से रियासतों का कामकाज संभाला जनमानस को शिक्षित करने पाठशाला खुलवाए राजनांदगाव की सबसे पुरानी पाठशाला स्टेट स्कूल है शिक्षा को प्रोत्साहन दिया सुनिए संस्कारधानी नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी राजमहल दोनो ओर तालाब से घिरा है
जो इसका सौंदर्य बढ़ा देता है एक तरफ रानी सागर और दूसरी ओर बूढ़ा सागर तालाब है मनमोहक रूप के धनी थे इस रियासत के राजा राजा दिग्विजय जी को कुंवर भी कहते थे देश और विदेशो से पढ़ाई किये आखेट और कार चलाने के शौकीन थे खेल और कला को प्रोत्साहन दिया राजा दिग्विजय जी का अल्पकाल में ही निधन हो गया यौवन ही राजा दिग्विजय के लिए दुश्मन बन गया आपके किये अच्छे काम याद बनकर रह गए आपके किये अच्छे काम याद बनकर रह गए सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी सभी अब सिर्फ यादें बनकर रह गए राजनाँदगाँव को आश्रय देने वाला सबसे दूर चले गए सावन के झूले सिर्फ यादों में रह गए देवताओ को जलक्रीड़ा कराने की परम्परा गुम हो रही है राजतंत्र ख़त्म होकर लोकतंत की शुरुआत हो गई राजनाँदगाँव देवी कृपा प्राप्त है माँ शीतला राजनाँदगाँव की रक्षा में हमेशा तत्पर रहती है सुनिए संस्कारधानी नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी अतीत को याद करने के लिए यह गीत है मौनीबाबा आपके इस गीत की जितनी प्रसंशा करुँ कम है गायक और निर्देशक पूरे मन से कह रहे है संस्कारधानी राजनाँदगाँव पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणादायी है हमें अपने संस्कारधानी के निवासी होने पर गर्व है हमारे जीवन और जीवनशैली को बताती यह कहानी है हमें अपने संस्कारधानी के निवासी होने पर गर्व है सुनिए नांदगांव (राजनाँदगाँव) रियासत की कहानी राजा और रानी की निशानी किला (राजमहल) दोनो ओर तालाब से घिरा है किला (राजमहल) दोनो ओर तालाब से घिरा है राजनांदगाव रियासत के डाकटिकट और नक्शा .
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